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ऋषि मुनियो का अनुसंधान - कालचक्र

 जगातील इतर मानव जेव्हा जंगलामध्ये रानटी फिरायचे तेव्हा भारतातील रूषीमुनींनी ज्ञानापासुन विज्ञानापर्यंतची पुस्तके लिहुन ठेवली होती. शस्त्रापासुन अस्त्रापर्यंत,  अणुरेणुपासुन ते ब्रम्हांडापर्यंत, विमानापासुन ते "धनंजयप्राणा"पर्यंत हे सगळे शोध लावले. भारतातील करप्ट शिक्षणपद्धतीने हे शिकवले नाही.. त्यातील एक धडा काळ..



 सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियो का अनुसंधान )

गुगल फोटो


■ क्रति = सैकन्ड का 34000 वाँ भाग

■ 1 त्रुति = सैकन्ड का 300 वाँ भाग

■ 2 त्रुति = 1 लव ,

■ 1 लव = 1 क्षण

■ 30 क्षण = 1 विपल ,

■ 60 विपल = 1 पल

■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) ,

■ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )

■ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार) ,

■ 7 दिवस = 1 सप्ताह

■ 4 सप्ताह = 1 माह ,

■ 2 माह = 1 ऋतू

■ 6 ऋतू = 1 वर्ष ,

■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी

■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,

■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग

■ 2 युग = 1 द्वापर युग ,

■ 3 युग = 1 त्रैता युग ,

■ 4 युग = सतयुग

■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग

■ 76 महायुग = मनवन्तर ,

■ 1000 महायुग = 1 कल्प

■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )

■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )

■ महाकाल = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )



सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यही है। जो हमारे देश भारत में बना। ये हमारा भारत जिस पर हमको गर्व है l

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